सत्य की विजय – पंचतंत्र कहानी
हिम्मतनगर में धर्मबुद्धि और कुबुद्धि मानक दो मित्र रहते थे. एक दिन कुबुद्धि ने सोचा कि मैं मुरका होने के साथ दरिद्र भी हूं,...
चालाक भेड़िया – पंचतंत्र कहानी
किसी वन में वज्रद्रंष्ट्र नामक एक शेर रहता था. चतुरक और क्रव्यमुख नामक सियार और भेड़िया उसके बड़े ही आज्ञाकारी सेवक थे. एक दिन...
संगठन में ही शक्ति हैं – पंचतंत्र कहानी
जंगल में स्थित एक वृक्ष पर घोंसला बनाकर चिड़ियों का एक जोड़ा सुखपूर्वक रहता था. चिड़िया ने अंडे दिए थे और अंडों पर बैठकर...
यक्ष का वरदान – पंचतंत्र कहानी
मिथिला नगर में मनसुख नामक एक जुलाहा रहता था. एक दिन काम करते समय उसके औजार टूट गए. इसलिए वह अच्छी लकड़ी लाने के...
प्रतिशोध की ज्वाला – पंचतंत्र कहानी
रत्नापुरी के राजा चन्द्रभान के बेटे वानरों के साथ खेलने मे काफी रूचि रखते थे. इसलिए राजा के सेवक राजकुमारों की प्रसन्नता के लिए...
लोभी ब्राह्मण – पंचतंत्र कहानी
पाटलीपुत्र नगर में चार ब्राह्मण रहते थे. वह चारों आपस में परममित्र थे. लेकिन उन चारों का दुर्भाग्य यह था कि वे निर्धन थे....
धूर्त ब्राह्मणी – पंचतंत्र कहानी
ब्रह्मपुर नगर के निवासी एक ब्राह्मण की पत्नी इतनी अधिक झगड़ालू थी कि प्रतिदिन उसके कारण ब्राह्मण को अपने बंधु-बान्धवों से भला-बुरा सुनना पड़ता...
बुरे फंसे – पंचतंत्र कहानी
एक कुएं में गंगादत्त नामक मेंढकों का राजा रहता था। एक दिन वह अपने परिवार के लोगों से लड़-झगड़कर कुएं से बाहर निकल आया...
छलिया सर्प – पंचतंत्र कहानी
विन्ध्याचल के पश्चिमी क्षेत्र में मन्दविष नामक एक सर्प रहता था। जो समय बीतने पर वृद्ध होने के साथ-साथ शक्तिहीन भी हो गया था।...
चतुर गीदड़ – पंचतंत्र कहानी
किसी वन में खरनखर नामक एक शेर रहता था। वह काफी बुढा और कमजोर हो गया था। वह शिकार करने में भी असमर्थ हो...