आदत आसानी से नहीं छुटती- पंचतंत्र कहानी
किसी नगर में एक धोबी रहता था. कपड़े धोनी में उसका कोई सानी नहीं था. लेकिन वह अपने गधे के साथ बहुत बुरा बर्ताव...
गर्दभ राग- पंचतंत्र कहानी
रामदीन धोबी के पास एक गधा था. वह दिनभर उस गधे से जी-तोड़ काम लेता और शाम को उसे खुला छोड़ देता ताकि वह...
झूंठ के पांव नहीं होते – पंचतंत्र कहानियाँ
किसी गांव में दिनू नामक एक लोहार अपने परिवार के साथ रहता था. उसक एक पुत्र था, जिसका नाम शामू था. जैसे-जैसे शामू बड़ा...
जैसे को तैसा – पंचतंत्र कहानियाँ
वर्षा ऋतु के दिन थे. कोसलगढ़ में एक दरिद्र ब्राह्मण अपनी पत्नी दुलारी के साथ किसी प्रकार जीवनयापन कर रहा था. गरीबी में दिन...
लालची सास -पंचतंत्र कहानियाँ
पहाड़ी की तलहटी में बना एक सुंदर गांव था. जैसा सुंदर वह गांव था, वैसा ही सुंदर उस गांव का नाम था- सुंदरपुर! गांव...
बिना विचारे जो करे -पंचतंत्र कहनियाँ
एक सुंदर सुरम्य झील में बहुत से जलचर बड़े ही प्रेमभाव से रहते थे. उन्हीं में एक केकड़ा और सारस भी थे. दोनों में...
कुता या बकरी- पंचतंत्र कहानी
पंडित रामशंकर यजमानी करके दुसरे गांव से अपने घर की और लौट रहा था. वह बहुत प्रसन्न था क्योंकि दक्षिणा में उसे बकरी मिली...
एकता में बल है- पंचतंत्र कहानी
समुद्र के किनारे एक टिटहरी दंपति रहता था. समय बीतने पर जब टिटहरी ने गर्भधारण किया तो उसने अपने पति से कोई सुरक्षित स्थान...
दानी का धन बढ़ता है- पंचतंत्र कहानी
शामगढ़ नगर का निवासी सोमिलक जुलाहा बहुत ही कुशल शिल्पी था. वह राजाओं के पहनने योग्य अनेक सुंदर, चित्र-विचित्र पर बहुमूल्य रेशमी वस्त्र बुना...
खरगोश की चतुराई – पंचतंत्र कहानी
एक वन में भासुरक नामक सिंह रहता था. वह अपनी शक्ति के मन्द में प्रतिदिन वन के अनेक पशुओं का वध कर दिया करता...