जैसी करनी वैसी भरनी – पंचतंत्र कहानी
सेठ धरमदास धार्मिक प्रवृति का व्यक्ति था. बड़े-बड़े महात्मा और ज्ञानी पुरुषों के संपर्क में रहने के कारण एक महात्मा ने सेठजी से कहा,...
अपने हुए पराये – पंचतंत्र कहानी
एक घने जंगल में चण्डरव नामक गीदड़ रहता था. एक दिन वह भूख से व्याकुल होकर नगर में घुसा तो वहां कुतों ने उस...
लालच बुरी बला – पंचतंत्र कहानी
गोदावरी नदी के किनारे पर बसे घने जंगल में एक बहेलिए ने अपना जाल फैलाकर उसके चारों और चावल बिखेर दिए तथा स्वयं चुपचाप...
बुद्धि सबसे बड़ा बल – पंचतंत्र कहानी
किसी वन में हाथियों के झुंड के साथ उनका मुखिया चतुर्दन्त रहता था. एक बार बस वन में कई वर्षों तक वर्षा का अभाव...
आदत से लाचार- पंचतंत्र की कहानी
तुगलकनगर के राजा के भवन का शयनकक्ष अत्यंत सुंदर तह. राजा के प्रतिदिन के इस्तेमाल में आनेवाले वस्त्रों में एक जूं रहती थी. वह...
सेवक का प्रतिशोध – पंचतंत्र कहानी
वर्धमान नगर में आभूषणों का एक व्यापारी दंतिल सेठ रहता था. उसने अपने लोकहित के कार्यो से राज्य की पूरी प्रजा का मन मोह...
नीतिवान संन्यासी- पंचतंत्र कहानी
हिरण्यक नामक चूहे और लघुपतनक नामक कौवे में प्रगाढ़ मित्रता थी. हिरण्यक के लिए लघुपतनक हर रोज कहीं-न-कहीं से बढ़िया पदार्थ लाता. इस तरह...
भाग्य का खेल – पंचतंत्र कहानी
चंद्रिका नगर के निवासी लालाराम नामाक बनिये का लड़का सौ रुपये मुल्यवाली एक पुस्तक खरीद लाया. उस पुस्तक में एक स्थान पर लिखा था...
चोर का बलिदान – पंचतंत्र कहानी
किसी नगर में एक सुशिक्षित ब्राहमण कुसंस्कारों के कारण चोरी करने लगा था. एक बार उस नगर में व्यापार करने के लिए चार सेठ...
नीयत में खोट – पंचतंत्र कहानी
एक नगर में जीर्णधन नामक एक दरिद्र बनिया रहता था. उसका कोई व्यापार या धंधा नहीं था. जिसकी वजह से उसकी आर्थिक दशा काफी...