पंचतंत्र साहित्य की उन गिनी चुनी कृतियों में से एक हे, जिसे विश्व के हर कोने में पढ़ा-समझा सराहा गया। पं. विष्णु शर्मा रचित इस मूल संस्कृत ग्रन्थ का अब तक 50 से भी अधिक भाषाओ में अनुवाद हो चूका हे, जो इस कथा संग्रह की लोकप्रियता का जीवंत प्रमाण हे।
अनुमान किया जाता हे की पंचतंत्र के मूल संस्कृत ग्रन्थ की रचना आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व हुई थी। इसं कथाओ की सबसे बड़ी विशेषता यह हे कि इसके सभी पात्र पशु-पक्षी हैं और उनके द्वारा कही गई कहानियाँ पाठको के मन पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ जाती हें। पंचतंत्र की हर कहानी कुछ न कुछ शिक्षा देती ही हे। इसलिए बच्चो को पंचतंत्र से अवगत करवाना हर भारतीय अविभावक का फर्ज बनता हे। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर हमने इस कहानियों को आप तक पहुचाने की कोशिश की हैं। यह कहानियाँ पुस्तक से ली गई हे, और हमारा उद्देश्य इन कहानियों को ज्यादा से ज्यादा पाठको पहुचाने मात्र हे।